हम दोनों के दरम्यान कुछ नहीं हो...
हो तो बस... एक शहर हो... पेरिस या न्यूयॉर्क जैसा।
दिल्ली भी चलेगा...
उस शहर में एक जगह हो मॉन्टमार्ते या टाइम्स स्क्वायर जैसा।
उस जगह में एक रेस्टोरेंट हो कॉमिस या नूड्स एन चिल जैसा।
उस शहर में शाम हो नार्टेड्रम डी पेरिस या कैपिटल हिल से दिखने वाला जैसा।
और...
उस शाम में उस शहर में,
उस जगह में,
उस रेस्टोरेंट में और रेस्टोरेंट की उस एक कुर्सी पर तुम बैठी हो... सिर्फ तुम।
तुम्हारे सामने ठीक मैं...
हमारे कानों में सिम्फनी घुल रही हो...
वॉयलिन की हल्की छुअन...
तुम कॉफी में चीनी को हौले-हौले मिलाती हो।
जैसे लिपिस्टिक को आहिस्ते-आहिस्ते होठों की हदों के भीतर करीने से कैद करती हो।
जैसे तैयार होने के बाद लॉस्ट मोमेंट पर आईने के सामने फेस की स्कीम-रीडिंग करती हो।
दरवाज़े के हैंडल को खोलने के ठीक पहले राधा-कृष्ण की तस्वीर को देखती हो।
दरवाज़े से बाहर निकलने के बाद आखिरी सीढ़ी पर ठहरी तुम...
बायां पैर नीचे और दायां पैर ऊपर रखकर बाईं कलाई पर बंधी घड़ी में टाइम देखती हो।
मोबाइल पर दोबारा टाइम देखती हो।
तुम आखिरी सीढ़ी पर पहुंचने के दौरान एकबार पीछे मुड़कर घर की तरफ देखती हो।
इस दौरान तुम्हारे शरारती बाल चेहरे को ढक लेते हैं।
तुम बाएं हाथ से धीरे-धीरे बाल को पीछे करती हो।
और...
कॉमिस या नूड्स एन चिल जैसे रेस्टोरेंट में तुम्हारे सामने बैठा मैं।
मेरा दिल तुम्हारी बालों को पीछे होता देख एकमुश्त नहीं, किस्तों में खर्च होता है।
तुम कॉफी के प्याले को होठों से छूती हो।
जैसे तुम्हारे होठों और प्याले के बीच की दूरी मेरे लिए मैराथन दौड़ है।
जैसे मैं जमीन से आसमान की दूरी नाप रहा हूं।
तुम कॉफी की पहली घूंट खुद के अंदर दाखिल करती हो।
जैसे मखमली घास पर कोई बच्चा पहली बार हंसते हुए चल रहा है।
जैसे कोई मां बच्चे को पहली बार दूध पिलाने का सौभाग्य पाती है।
कॉफी का तुम्हारी जुबां से दिल तक का सफर भी वैसा ही है।
कॉफी तुम्हारे गले से नीचे हौले-हौले उतरती है...
जैसे टाइम्स स्क्वायर पर लगे बिलबोर्ड में रेवलॉन की सुपरमॉडल क्लाउडिया शिफर की कैटवॉक करती तस्वीर है।
उसकी पर्सनैलिटी और तुम्हारे कप में अंतर नहीं दिखती मुझे।
जैसे तुम्हारे हाथ में कॉफी का प्याला समुद्र मंथन से निकला अमृत कलश है।
तुम बाएं हाथ से कॉफी को प्लेट पर रखती हो।
तिरछी चेहरे से मुझे देखती हो,
तुम्हारे होंठ कुछ सेकेंड के लिए हिलते हैं,
कुछ कहते नहीं...
कुछ देर की चुप्पी के बाद तुम बाएं हाथ की कोहनी को टेबल पर टिकाती हो।
शरारती नज़रों से मेरी तरफ देखकर दोनों भौंह को दो बार उठाकर गिराती हो।
मैं तुम्हारी आंखों में अमृत पी रहा... कॉफी बेस्वाद है।
बाएं हाथ से मैं कॉफी साइड करता हूं...
तुम्हारी तरफ देखता हूं...
दोनों आंखों को एक सेकेंड में दो बार झपकाता हूं।
तुम्हारी घड़ी मेरे लिए टाइम मशीन है।
मैं उसके सहारे कॉमिस या नूड्स एन चिल से काफी पहले इंद्रसभा में पहुंच चुका हूं।
और...
तुम मुझसे कपड़े रंगने का मनुहार करती हो...
मैं सिर्फ तुम्हारा रंगरेज़ जो ठहरा...
तुम सिर्फ मेरी मेनका जो ठहरी...
मैं तुम्हारे कपड़े सिर्फ अपने दिल से बने थैले में रखता हूं।
मैं लौटने के लिए आगे बढ़ता हूं...
तुम आवाज़ लगाती हो...
सुनो रंगरेज़... चाय पीकर जाना... मैं पीछे पलटता हूं।
तुम बाएं हाथ से टेबल के सहारे टिकाए सिर को उठाती हो और घड़ी देखती हो।
ओह... रात के नौ बज गए... मुझे घर जाना होगा...
मेरा सपना टूटता है...
तुम फिर घड़ी देखती हो।
मैं इंद्रसभा से जाने लगता हूं।
तुम्हें आंखों से रेस्टोरेंट के उस टेबल पर बॉय बोलता हूं।
तुम अपने घर की आखिरी सीढ़ी पर उतरने के पहले घड़ी देखती हो।
ओह... शिट्... नौ बज गए...
रेस्टोरेंट जाने में लेट हो रहा है...
तुम मोबाइल देखती हो...
दोबारा कहती हो...
ओह... शिट... नौ बज ही गए...
तुम ओला कैब बुक करके कनॉट प्लेस की तरफ बढ़ती हो।
कैब में एक किस्त में जुल्फों को पीछे करती हो।
ड्राइविंग सीट पर बैठा मैं बैक मिरर में तुम्हें देख रहा हूं।
मेरा दिल एकमुश्त में खर्च हो जाता है।
मेरी नज़र तुम्हारी घड़ी पर है...
वो घड़ी मेरी टाइम मशीन है...
मैं घड़ी के सहारे कॉमिस या नूड्स एन चिल रेस्टोरेंट की खूबसूरती चुरा लेता हूं...
मैं इंद्रसभा के ठीक बाहर अपनी दुकान पर काम कर रहा हूं...
तुम्हारे दुपट्टे में क्लाउडिया शिफर की मुस्कुराहट नहीं तुम्हारी आंखों के रंग उकेर रहा हूं।
अचानक तुम कहती हो... कॉफी कैसी लगी...
और...
अपनी ऑफिस के टेबल पर बैठा मैं कंप्यूटर की स्क्रीन को देखने लगता हूं।
दोनों हाथों को सिर के पीछे करते लंबी सांसें लेता हूं।
मैं तुम्हारी जि़ंदगी में उसी घड़ी के जैसे आना चाहता हूं।
जानती हो...
मेरे हर पल में एक शाम आती है...
जब तुम्हारी आंखें शब्दों की शक्ल में की-बोर्ड पर थिरकने लगती हैं।
मैं सिर्फ तुम्हें लिखता हूं।
मेरे शब्द तुम्हारी आंखों के जंगल में जुगून के मानिंद रास्ता तलाशते हैं।
मैं पेरिस, न्यूयॉर्क, कनॉट प्लेस के रास्ते तुम्हें पा लेता हूं.
बस...
इतनी ही काबिलियत है मेरे मोहब्बत की।